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Friday, October 15, 2021

विपत्ति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर। नम तारे छिपि जात है, ज्यों रहीम भए भोर ।। -रहीमदास

October 15, 2021
  विपत्ति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर। नम तारे छिपि जात है, ज्यों रहीम भए भोर ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मनुष्य संकटकाल के लिए ला...
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मेरी मेरी करत क्यौं, है यह जिमी सराय। कइ यक डेरा करि गये, किये कई कनि आय।। -नागरीदास

October 15, 2021
  मेरी मेरी करत क्यौं, है यह जिमी सराय। कइ यक डेरा करि गये, किये कई कनि आय।। -नागरीदास संत नागरीदास जी कहते हैं कि हे मनुष्य! तू मेरी-मेरी क...
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रहिमन नीर परवान, बूड़े पै सीझे नहीं। तैसे मूरख ज्ञान, बूझे पै सूझे नहीं।। -रहीमदास

October 15, 2021
  रहिमन नीर परवान, बूड़े पै सीझे नहीं। तैसे मूरख ज्ञान, बूझे पै सूझे नहीं।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि पत्थर पानी में डूबता अवश्य है, ले...
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कामी कबहु न गुरु भजै, मिटै न संसय सूल और गुनह सब बकसिहों, कामी डार न मूल।। -कबीरदास

October 15, 2021
  कामी कबहु न गुरु भजै, मिटै न संसय सूल और गुनह सब बकसिहों, कामी डार न मूल।। -कबीरदास कबीरदास जी कहते हैं कि काम के पाश में बंधा मनुष्य गु...
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लाभ समय को पालियो, हानि समय की चूक सदा बिचारहि चारुमति, सुदिन कुदिन दिन दून। -तुलसीदास

October 15, 2021
  लाभ समय को पालियो, हानि समय की चूक सदा बिचारहि चारुमति, सुदिन कुदिन दिन दून। -तुलसीदास तुलसीदास जी का कथन है कि समय पर उचित कार्य करना ...
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जल ज्यों प्यास माछली, लोभी प्यारा दाम। माता प्यारा बारका, भगति प्यारा नाम।। -कबीरदास

October 15, 2021
  जल ज्यों प्यास माछली, लोभी प्यारा दाम। माता प्यारा बारका, भगति प्यारा नाम।। -कबीरदास कबीरदास जी अपनी बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि ज...
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तिनका कबहुं ना निन्दिए, जो पांवन तर होय। कबहु उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।। -कबीरदास

October 15, 2021
  तिनका कबहुं ना निन्दिए, जो पांवन तर होय। कबहु उड़ी आंखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।। -कबीरदास कबीरदास जी कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी...
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वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग। बांटन वारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।। -रहीमदास

October 15, 2021
  वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग। बांटन वारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं, जिनका शरीर ...
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दादू' कहे कहे का होत है, कहे न सीझे काम। कहे कहे का पाइए, जब लग हृदै न आवै राम ।। -दादूदयाल

October 15, 2021
  दादू' कहे कहे का होत है, कहे न सीझे काम। कहे कहे का पाइए, जब लग हृदै न आवै राम ।। -दादूदयाल दादूदयाल जी कहते हैं कि केवल मुख से राम-न...
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मुखिया मुखु सो चाहिए, खान-पान कहुं एक । पालइ पोषड़ सकल अंग, तुलसी सहित विवेक।। -तुलसीदास

October 15, 2021
  मुखिया मुखु सो चाहिए, खान-पान कहुं एक । पालइ पोषड़ सकल अंग, तुलसी सहित विवेक।। -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि मुखिया मुख के समान होना...
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सब धरती कारज करूं, लेखनी सब वरनाय । सात समुद्र की मसि करूं, गुरुगुन लिखा न जाय।। -कबीरदास

October 15, 2021
  सब धरती कारज करूं, लेखनी सब वरनाय । सात समुद्र की मसि करूं, गुरुगुन लिखा न जाय।। -कबीरदास कबीरदास जी गुरु की महत्ता को दर्शाते हुए कहते ह...
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अमृत ऐसे वचन में, रहिमन रिस की गांस। जैसे मिसरिहु में मिली, निरस बांस की फांक ।। -रहीमदास

October 15, 2021
  अमृत ऐसे वचन में, रहिमन रिस की गांस। जैसे मिसरिहु में मिली, निरस बांस की फांक ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मीठी वाणी में जादू-सा अस...
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जन 'दरिया' उपदेस दे, जाके भीतर चाय। नातर गैला जगत से, बक-बक मरे बलाय।। -दरिया महाराज

October 15, 2021
  जन 'दरिया' उपदेस दे, जाके भीतर चाय। नातर गैला जगत से, बक-बक मरे बलाय।। -दरिया महाराज संत दरिया महाराज का कथन है कि जिस व्यक्ति को...
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नानक' करणा जिनि किया, सोर सार करेइ । हुकुम न जापी खसम का, कसे बड़ाई देइ ।। - नानकदेव

October 15, 2021
  नानक' करणा जिनि किया, सोर सार करेइ । हुकुम न जापी खसम का, कसे बड़ाई देइ ।। - नानकदेव जिन लोगों के मन में करुणा का भाव नहीं होता, वे...
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सून समर करनी करहीं, कहि न जनावहिं आपु विद्यमान रन पाइ रिपु, कायर कथहिं प्रतापु ।। -तुलसीदास

October 15, 2021
  सून समर करनी करहीं, कहि न जनावहिं आपु विद्यमान रन पाइ रिपु , कायर कथहिं प्रतापु ।। -तुलसीदास शूरवीर तो युद्ध में शूरवीरता का कार्य करते ...
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बोली एक अनमोल है, जो कोई बोले जानि। हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि ।। -कबीरदास

October 15, 2021
  बोली एक अनमोल है, जो कोई बोले जानि। हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि ।। -कबीरदास यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि ...
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जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुख मानत नाहिं।। -रहीमदास

October 15, 2021
  जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुख मानत नाहिं।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि बड़े को छोटा कहने से ...
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कह 'मलूक' हम जबहिं तें, लीन्हीं हरि की ओट। सोवत हैं सुख नींद भरि, डारि भरम की पोट।। - मलूकदास

October 15, 2021
  कह 'मलूक' हम जबहिं तें, लीन्हीं हरि की ओट। सोवत हैं सुख नींद भरि, डारि भरम की पोट।। - मलूकदास संत मलूकदास जी कहते हैं कि जब से ...
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काठ काठ सब एक से, सब काहू दरसात। अनिल गिलै जब अगर कौ, तब गुन जान्यौ जात।। -नागरीदास

October 15, 2021
  काठ काठ सब एक से, सब काहू दरसात। अनिल गिलै जब अगर कौ, तब गुन जान्यौ जात।। -नागरीदास नागरीदास जी का कथन है कि बाहर से देखने पर तो सारी लकड़...
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दादू समकरि देखिये, कुंजर कीट समान। दादू दुविधा दूरि करि, तजि आपा अभिमान ।। -दादूदयाल

October 15, 2021
  दादू समकरि देखिये, कुंजर कीट समान। दादू दुविधा दूरि करि, तजि आपा अभिमान ।। -दादूदयाल संत दादूदयाल जी कहते हैं कि संसार में सारा दुख अपने ...
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जड़ चेतन गुन दोषमय, बिस्व कीन्ह कर र। संत हंस गुन गहहि पथ, परिहरि बारि विकार।। -तुलसीदास

October 15, 2021
  जड़ चेतन गुन दोषमय, बिस्व कीन्ह कर र। संत हंस गुन गहहि पथ, परिहरि बारि विकार।। -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि संसार में बुराइयां भी है...
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जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय । यह आपा तो डाल दे, दया करे न कोय।।

October 15, 2021
  जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय । यह आपा तो डाल दे, दया करे न कोय।। -कबीरदास कबीरदास जी कहते हैं कि यदि तुम्हारे मन में शांति है तो ...
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जिहि घर साधु न पूजिये, हरि की सेवा नांहि । ते घर मड़घट सारखे, भूत बसै तिन नांहि ।।

October 15, 2021
  जिहि घर साधु न पूजिये, हरि की सेवा नांहि । ते घर मड़घट सारखे, भूत बसै तिन नांहि ।। -कबीरदास कबीरदास जी कहते हैं कि जिस घर में सज्जन पुरु...
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रहिमन वहां न जाइए, जहां कपट को हेतु। हम तन ढारत ढेकुली, सींचत अपना खेत ।।

October 15, 2021
  रहिमन वहां न जाइए, जहां कपट को हेतु। हम तन ढारत ढेकुली, सींचत अपना खेत ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि उस स्थान पर कभी नहीं जाना चाहिए...
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'दरिया' संगत साघ की, सहजै पलटै बंस। कीट छांड मुक्ता चुगै, होय काग ते हंस ।।

October 15, 2021
  दरिया' संगत साघ की, सहजै पलटै बंस। कीट छांड मुक्ता चुगै, होय काग ते हंस ।। -दरिया महाराज संत दरिया महाराज का कथन है कि साधु की संगति...
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मिथ्या माहुर सज्जनहि, खलहि गरल सम सांच तुलसी छुअत पराइ ज्यों, पारद पावन आंच ।।

October 15, 2021
  मिथ्या माहुर सज्जनहि, खलहि गरल सम सांच तुलसी छुअत पराइ ज्यों, पारद पावन आंच ।। -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि सज्जन पुरुष के लिए असत्...
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दया धर्म हिरदै बसै, बोलै अमृत बैन । तेई ऊंचे जानिये, जिसके नीचे नैन ।।

October 15, 2021
  दया धर्म हिरदै बसै, बोलै अमृत बैन । तेई ऊंचे जानिये, जिसके नीचे नैन ।। - मलूकदास मलूकदास जी कहते हैं कि जिसके हृदय में दया-धर्म का वास रह...
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बलिहारी वा दूध की, जामें निकसे घीव। घी साखी कबीर की, चार वेद का जीव।।

October 15, 2021
  बलिहारी वा दूध की, जामें निकसे घीव। घी साखी कबीर की, चार वेद का जीव।। -कबीरदास कबीरदास जी कहते हैं कि मेरी आधी साखी चारों वेदों की जान है...
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जग महि लाहा एक नामु, पाइऐ गुरु विचारि साचऊ बखरु लादीऐ, लाभ सदा सचु रासि ।।

October 15, 2021
  जग महि लाहा एक नामु, पाइऐ गुरु विचारि साचऊ बखरु लादीऐ, लाभ सदा सचु रासि ।। - नानकदेव गुरु ने यह अच्छी तरह से विचार करके देख लिया है कि इ...
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बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।

October 15, 2021
  बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मनुष्य को सोच-समझकर व्यवहार कर...
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कठिन पियाला प्रेम का, पिए जो हरि के हाथ। चारों जुग माता रहे, उतरे जिय के साथ।।

October 15, 2021
  कठिन पियाला प्रेम का, पिए जो हरि के हाथ। चारों जुग माता रहे, उतरे जिय के साथ।। - मलूकदास प्रेम करना साधारण कर्म नहीं है। प्रेम का प्याला ...
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तुलसी उद्यम करम जुग, जब जेहि राम सुडीठि होइ सुफल सोइ ताहि, सब सनमुख प्रभु तन पीठि।।

October 15, 2021
  तुलसी उद्यम करम जुग, जब जेहि राम सुडीठि होइ सुफल सोइ ताहि, सब सनमुख प्रभु तन पीठि।। -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि जब जिस पर श्रीराम...
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लोग भरोसे कौन के, बैठे रहें उरगार। जीव रही लूटत जम फिरे, मैदा लुटे कसाय।।

October 15, 2021
  लोग भरोसे कौन के, बैठे रहें उरगार। जीव रही लूटत जम फिरे, मैदा लुटे कसाय।। -कबीरदास जैसे मेढ़े को कसाई मारता है, इसी प्रकार यम जीव को मारन...
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रहिमन गली है सांकरी, दूजो नहिं ठहराहिं । आपु अहै तो हरि नहीं, हरि तो आपुन नाहिं ।।

October 15, 2021
  रहिमन गली है सांकरी, दूजो नहिं ठहराहिं । आपु अहै तो हरि नहीं, हरि तो आपुन नाहिं ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि भक्ति की गली बहुत संकर...
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बैर धनंतर मरि गया, 'पलटू' अमर न कोय। सुर नर मुनि जोगी जती, सबै काल बस होय।।

October 15, 2021
  पलटू दास बैर धनंतर मरि गया, 'पलटू' अमर न कोय।  सुर नर मुनि जोगी जती, सबै काल बस होय।। - पलटूदास संसार में प्रत्येक मनुष्य जिसने जन...
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Thursday, October 14, 2021

रहिमन आटा के लगे, बाजत है दिन-राति । घिउ शक्कर जे खात है, तिनकी कहा बिसाति ।।

October 14, 2021
  रहिमन आटा के लगे, बाजत है दिन-राति । घिउ शक्कर जे खात है, तिनकी कहा बिसाति ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि जो मधुरता आटे में है, वह घी ...
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गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय ।।

October 14, 2021
  गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय ।। -कबीरदास गुरु और ईश्वर दोनों मेरे सामने खड़े हैं, मैं किसके प...
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सोई अपनी आपने, रहे निरन्तर साथ । होत परायो आपनी, गयो पराये हाथ ।।

October 14, 2021
  सोई अपनी आपने, रहे निरन्तर साथ ।  होत परायो आपनी, गयो पराये हाथ ।। -वृंद कवि वृंद कहते हैं कि अपने वही हैं, जो हमेशा अपना साथ दें हथियार भ...
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तुलसी दास के दोहे

October 14, 2021
  साहस ही के कोप बस, किएं कठिन परिपाप ।  सठ संकट भाजन भए, हठि कुजाति कपि काक ।।  -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि दुःसाहस या क्रोध के वश हो...
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October 14, 2021
  सहज मिलै सो दूध है, मांगि मिलै सो पानि ।  कहैं कबीर वह रक्त है, जानें एंचातानि ।। -कबीरदास जो बिना मांगे सहज भाव से मिल जाए, वह तो दूध के ...
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कबीर दास के दोहे

October 14, 2021
  कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर ।  ना काहू से दोस्ती, न काहू से बैर ।। इस संसार में आकर कबीरदास अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबक...
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Monday, October 11, 2021

तुलसी दास के दोहे

October 11, 2021
 तुलसी उद्यम करम जुग, जब जेहि राम सुडीठि । होइ सुफल सोइ ताहि, सब सनमुख प्रभु तन पीठि ।। -तुलसीदास तुलसीदास जी कहते हैं कि जब जिस पर श्रीराम ...
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तुलसी दास के दोहे

October 11, 2021
  देस काल करता करम, वचन विचार विहीन ।  ते सुरतरु तर दारिदी, सुररसि तीर मलीन।।  -तुलसीदास स्थान, समय, कर्ता, कर्म और वचन का विचार करते ही कर्...
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Tuesday, September 28, 2021

कबीरदास

September 28, 2021
 1. गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय । बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय ।। -  गुरु और ईश्वर दोनों मेरे सामने खड़े हैं, मैं किसके पांव...
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Thursday, June 25, 2020

success and failure quota

June 25, 2020
असफलताएं शिक्षक होती हैं एवं सफलता टॉनिक होती है जो कि लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती है
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Vivekananda quota life related

June 25, 2020
हमारा वर्तमान भूतकाल के कार्यों  का परिणाम है                                            Swami vivekanand
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