पलटू दास |
बैर धनंतर मरि गया, 'पलटू' अमर न कोय।
सुर नर मुनि जोगी जती, सबै काल बस होय।।
- पलटूदास
संसार में प्रत्येक मनुष्य जिसने जन्म लिया है, उसे मरना भी अवश्य होता है। धन्वंतरि वैद्य सबका इलाज करते थे, वे भी अमर नहीं रहे। देवता, मनुष्य, मुनि, योगी, यति किसी का भी काल के आगे वश नहीं चलता। सभी काल के अधीन हैं।