सहज मिलै सो दूध है, मांगि मिलै सो पानि ।
कहैं कबीर वह रक्त है, जानें एंचातानि ।।
-कबीरदास
जो बिना मांगे सहज भाव से मिल जाए, वह तो दूध के समान है यानी सर्वोत्तम है, लेकिन जो मांगने पर मिले, वह पानी के समान है अर्थात् वह मध्यम है। कबीरदास जी कहते हैं कि वह तो रक्त के समान है, जो खींचतान से मिले यानी किसी को कष्ट देकर या हठपूर्वक मिले।