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Thursday, October 14, 2021

तुलसी दास के दोहे

तुलसी दास के दोहे

 साहस ही के कोप बस, किएं कठिन परिपाप ।

 सठ संकट भाजन भए, हठि कुजाति कपि काक ।। 

-तुलसीदास

तुलसीदास जी कहते हैं कि दुःसाहस या क्रोध के वश होकर कर्म करने से उसका फल बहुत ही कठोर होता है। नीच और दुष्ट बालि व जयंत इसी प्रकार हटपूर्वक कर्म करके संकट के पात्र हुए।

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