सोई अपनी आपने, रहे निरन्तर साथ ।
होत परायो आपनी, गयो पराये हाथ ।।
-वृंद
कवि वृंद कहते हैं कि अपने वही हैं, जो हमेशा अपना साथ दें हथियार भी पराया अर्थात् शत्रु जाता है, जब वह दूसरे के हाथ में चला जाता है।
About Shiekshaa
विपत्ति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर। नम तारे छिपि जात है, ज्यों रहीम भए भोर ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मनुष्य संकटकाल के लिए ला...