अमृत ऐसे वचन में, रहिमन रिस की गांस।
जैसे मिसरिहु में मिली, निरस बांस की फांक ।। -रहीमदास
रहीमदास जी कहते हैं कि मीठी वाणी में जादू-सा असर होता है, इसलिए यदि किसी को कोई बात मीठी वाणी में समझाई जाए तो जल्दी वह उसकी समझ में आ जाती है। यह वैसे ही है, जैसे मिसरी के मधुर गुण के कारण उसमें मिली बांस की फांक भी मीठी लगती है।