हमारा वर्तमान भूतकाल के कार्यों का परिणाम है
Swami vivekanand
About Shiekshaa
विपत्ति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर। नम तारे छिपि जात है, ज्यों रहीम भए भोर ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मनुष्य संकटकाल के लिए ला...