बोली एक अनमोल है, जो कोई बोले जानि।
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि ।। -कबीरदास
यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह हृदय के तराजू में तोलकर ही उसे बाहर आने देता है।बोली एक अनमोल है, जो कोई बोले जानि।
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि ।। -कबीरदास
यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह हृदय के तराजू में तोलकर ही उसे बाहर आने देता है।
About Shiekshaa
विपत्ति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर। नम तारे छिपि जात है, ज्यों रहीम भए भोर ।। -रहीमदास रहीमदास जी कहते हैं कि मनुष्य संकटकाल के लिए ला...